दिए गए शीर्षक पर अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुत करने के लिए मैं इस लिए उपयुक्त हूं क्योंकि मैंने भारतीय विश्वविद्यालयों के परिवेश को अलग-अलग जगह से उच्च शिक्षा ग्रहण कर काफी करीब से इनके माहौल को महसूस किया है| मैंने अपने कॉलेज के पढाई अगर भारत के छोटे से स्थान से की है तो उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए मैंने देश की राजधानी दिल्ली के भी शैक्षिक माहौल को भली भांति जाना और परखा है| मैंने अपने स्नातक स्तर की शिक्षा साहित्यिक विषयों के साथ उत्तीर्ण की है, वही भारत और विश्व के सम्पूर्ण ज्ञान को आत्मसात करने के लिए मैंने भारतीय इतिहास व वैश्विक इतिहास दोनों के साथ पोस्ट ग्रेजुएशन व डॉक्टरेट डिग्री के समकक्ष कही जाने वाली मास्टर ऑफ़ फिलॉस्फी की शिक्षा ग्रहण की है और स्वयं को और प्रबुद्ध व ज्ञानित करने के लिए मैंने कानून और प्रबंधन की भी शिक्षा ग्रहण की है, अगर ज्ञान और लेखन दोनों को एक लेख में डालें तो ही वो एक परिपक्व लेख बनता है और दोनों का सामंजस्य मुझमे है|
उदाहरणतया: मैंने जिला स्तर, राज्य स्तर व राष्ट्र स्तर पर न केवल विभिन्न विषयों पर लेख लिए हैं अपितु इन सभी स्तरों पर साथ ही एशिया लेवल पर भी मेरे पेपर भी प्रकाशित हुए हैं|